गुरुग्राम : ‘यूट्रस डाइडेलफिस’ से ग्रसित 56 वर्षीय एक महिला की गुरुग्राम के निजी अस्पताल में सफल ‘लेप्रोस्कोपिक सर्जरी’ की गई. ‘यूट्रस डाइडेलफिस’ एक ऐसी परिस्थिति है जो रजोनिवृत्ति के बाद असमान्य रक्तस्राव का कारण बनती है. यह एक ऐसी परिस्थिति है जब किसी महिला में एक के बजाय दो गर्भाशय विकसित होते हैं. सीके बिरला अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि उपचार सफल रहा, मरीज उबर रही हैं और कोई दर्द या रक्तस्राव नहीं हो रहा है.
जांच में मिले दो गर्भाशय
मरीज ने कहा, ‘‘अपनी बेटी की शादी से कुछ दिन पहले आठ मई को रजोनिवृत्ति के बाद मुझे रक्तस्राव हुआ था और यह बहुत असमान्य बात थी. जांच के बाद यह पाया गया कि मुझमे दो गर्भाशय हैं और इस बात से मैं कभी अवगत नहीं थी.’’ उन्होंने पहली बार गर्भधारण करने के बारे में बताया, ‘‘मैंने अपना पहला बच्चा गंवा दिया क्योंकि समय से पहले आठ महीने के गर्भ के बाद वह प्रसव हुआ था, तब दोहरे गर्भाशय की परिस्थिति का पता नहीं चल पाया था.’’ उन्होंने बताया, ‘‘मेरा शिशु जन्म के बाद 24 घंटे से अधिक समय तक जीवित नहीं रह सका था लेकिन मैं यूट्रस डाइडेलफिस के कारण होने वाली जटिलताओं को समझ नहीं पाई थी.’’
इसके साथ ही महिला ने बताया, ‘‘जब मैंने अपनी दूसरी और तीसरी संतान के लिए गर्भधारण किया और दोनों बार सीजेरियन तरीके से बच्चे को जन्म दिया, तब भी यूट्रस डाइडेलफिस का पता नहीं चल सका था.’’ लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने वाली डॉक्टर अरूणा कालरा ने कहा कि अल्ट्रासोनोग्राफ करने के बाद यह खुलासा हुआ कि मरीज को यूट्रस डाइडेलफिस की समस्या है जिसकी फौरन सर्जरी किये जाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि टीम ने सफल सर्जरी की.